Tuesday, July 11, 2017

मेरी प्यारी भतीजी वेदिका
रवि की छवि ,अलंकृत अलंकार
अरूणीय आभा ,विमल रूप साकार
चंद्र सी कांति चैतन्य चमत्कार 
ईश्वरीय कृपा से प्राप्त हुआ,हमें दिव्य उपहार

रोहिणी नक्षत्र में प्रगटी, लक्ष्मी अवतार

सुंदर सी सलोनी ,मनोहर चित्रहार\

चंचलता भी सुशोभित, मुस्कान शानदार

साहस बेमिशाल, स्वच्छता सदाबहार

मेरी भतीजी वेदिका है ,खुशियों की भण्डार
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jatashankar yatra

शिवरात्रि का पर्व महान
बन गया सब की यात्रा का प्लान
चुना गया एक दिव्य सोपान
जटाशंकर महादेव स्थान
एकत्र हुए सभी यात्री गणमान्य
कुछ पारिवारिक कुछ जाने अंजान
यात्रा थी शिष्ट पर वाहन था विशिष्ट
35 seater वाहन था पर 70 हुए समाविष्ट
एक के ऊपर एक बैठ रहे मच गयी धक्का मुक्की
आगे पीछे ऊपर नीचे सब की साँसे अटकी
प्रारम्भ हुई अब यात्रा लग रहा महादेव जयकार
तभी अचानक बस चालक ने तोड़ दिया बिजली की तार
जैसे तैसे चल रही थी बस हम सब थे उत्साहित
तभी अचानक गियर टूट गया हो गयी यात्रा बाधित
सभी यात्रीगण हैरान कुछ चिंतित कुछ परेशान
तभी दूसरी बस आ पहुंची फिर आ गयी चेहरों पर मुस्कान
वह बस भी महान थी खड़ी थी या चल रही थी
नही कोई पहचान थी
तभी बस ने हम सबको दिया एक surprise gift
हंसी खेल के बीच में पीछे कांच कर दिया था lift
पीछे वाले यात्रियों को तुरंत याद आ गए महादेव
और धुल के बबंडर में हम सब हो गए भूतमेव
किसी तरह पहुंचे हम सब जटाशंकर देव स्थान
स्नान ध्यान पूजन अर्चन कर हम सब ने किया पुनः प्रस्थान
वापसी की यात्रा मे बढ़ गया उमंग
गीत संगीत अन्ताक्षरी संग गायन रंगारंग
पर प्रसन्नता के मध्य मे हो गयी आनाकानी
गुम गया पर्स पापा का बढ़ गयी परेशानी
पर्स की धुड़ाई में मच गयी अफरा तफरी
मिल गया पर्स मंटू चाचा को आ गयी थी खुश खबरी
भोजन में मिला सभी को पूड़ी और आचार
पर कुछ लोगों को हो गया था अत्यधिक वायु विकार
किसी तरह घिसट फिसट हम पहुँच गये थे सतना
पर समझ में नही आ रहा यात्रा थी या दुर्घटना
हर हर महादेव